Hindi Kahani Neelam Pari Aur Monu | नीलम परी और मोनू

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Hindi Kahani Neelam Pari Aur Monu

नीलम परी और मोनू

मोनू नाम का एक लड़का था। वह स्कूल जाते समय बड़े नखरे करता था। उसके मम्मी पापा उसकी इस आदत से बड़े परेशान रहते थे। वह मोनू की इस गंदी आदत से छुटकारा पाना चाहते थे। एक रात मोनू अपने कमरे में सो रहा था। मोनू ओ मोनू, क्या तुम सो रहे हो ? यह सुनकर मोनू अपने बिस्तर पर उठ कर बैठ गया। उसने खिड़की की ओर देखा।

खिड़की के बाहर एक खूबसूरत सी परी खड़ी थी। उसी ने मोनू को आवाज देकर उठाया था। आप कौन हैं ? मोनू ने खिड़की के पास जाकर पूछा। मैं नीलम परी हूं और परियों के देश से तुमसे मिलने आई हूं। नीलम परी ने पलके झुकाते हुए कहा। मोनू बोला अंदर आओ बाहर क्यों खड़ी हो। नहीं नहीं मैं बाहर ही ठीक हूं – परी बोली।

एक बात बताओ मोनू, तुम स्कूल जाते समय नखरे क्यों करते हो ? पता है तुम्हारी इस हरकत से तुम्हारे मम्मी पापा कितने दुखी होते हैं। आपको कैसे मालूम हुआ परी जी ? मोनू ने पूछा। मैं परी हूं मैं दुनिया के सब बच्चों के माता-पिता का दुख जानती हूं – नीलम परी ने उत्तर दिया। ठीक है परी जी मैं अब कभी अपने मम्मी पापा को दुखी नहीं करूंगा।

परंतु मेरी एक शर्त है – मोनू ने कहा। कैसी शर्त ? आप रोजाना मुझसे मिलने आया करना और ढेरों खिलौने व मिठाइयां भी साथ में लाना। मोनू ने शर्त बताई। नीलम परी मुस्कुराई और बोली बस इतनी सी बात। मैं रोजाना खिलौने व मिठाईयां तो भेज दिया करूंगी परंतु आऊंगी महीने में एक बार क्योंकि मुझे तुम जैसे और बच्चों से भी मिलने जाना पड़ता है ना।

मोनू ने नीलम परी की बात मान ली। थोड़ी देर में टाटा बाय-बाय करते हुए वह चली गई। मोनू ने झट से दरवाजा खोल कर इधर-उधर देखा। परंतु वहां सुनसान अंधेरे के इलावा कुछ नहीं था। वह चुपचाप जाकर सो गया। सुबह होते ही अलार्म बजा। मोनू तुरंत उठा और सुबह के कार्य पूर्ण कर स्कूल की तैयारी करने लगा।

उसके मम्मी पापा भी उठकर अपना अपना काम करने लगे। अपने बेटे की अच्छी आदत को देखकर वह भी मन ही मन खुश थे। प्रत्येक सुबह उसे कमरे के बाहर कुछ ना कुछ सामान मिलने लगा। उसे विश्वास हो गया कि सचमुच नीलम परी उसके लिए खिलौने व मिठाइयां भिजवा रही है। एक महीने बाद पुनः नीलम परी मोनू से मिलने आई।

इस प्रकार यह सिलसिला जारी रहा। इस दौरान मोनू अच्छा बच्चा बन चुका था। उसने अपने विद्यालय में सर्वोच्च अंक प्राप्त कर अपने मम्मी पापा का नाम रोशन किया। एक दिन मोनू ने नीलम परी की बात अपनी मम्मी को बताई। उसकी बात सुनकर वह बहुत हंसी और बोली मेरा राजा बेटा मैं ही नीलम परी का रूप लेकर तुम्हारे सामने आती रही।

मेरे पास तुम्हें सुधारने का कोई दूसरा चारा नहीं था। वह खिलौने और मिठाइयां ? वह बोला। हाँ हाँ वह भी मैं तुम्हारे ही लिए रखती थी। मम्मी ने उसके बालों में हाथ फेरते हुए कहा। मोनू अपनी मम्मी से चिपक गया।

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