Hindi Kahani Miku Aur Lakadbagha | मीकु और लकड़बघा

मीकू और लकड़बग्घा

Hindi Kahani Miku Aur Lakadbagha

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बस्ती के सात-आठ खरगोश बैठे दूब घास खाते हुए बातें कर रहे थे। तभी पास के पेड़ पर बैठे किटकिट बंदर ने पेड़ से छलांग लगाई और खरगोशों के पास जा पहुंचा। और चिल्लाकर बोला भागो लकड़बग्घा आया। किटकिट बंदर कूदकर पेड़ पर चढ़ गया। सभी खरगोश भागे। तभी लकड़बग्घा वहां आ गया। लेकिन तब तक सभी खरगोश सुरक्षित अपने बिलों में पहुंच चुके थे।

अगर किटकिट बंदर उन्हें लकड़बग्घे के आने की सूचना ना देता। तो एक दो खरगोश लकड़बग्घे का शिकार बन जाते। जंगल के जानवर एक दूसरे का सहयोग करते हैं। कल ही मीकू खरगोश ने आकर किटकिट बंदर को बताया था कि बड़े बरगद के पेड़ के पास शिकारी पिंजरा रखकर गए हैं।

उसमें केले आदि फल रखे हैं जो भी बन्दर केला उठाने पिंजरे में जाएगा वह फंस जाएगा। किटकिट बंदर ने मिक्कू खरगोश को धन्यवाद दिया। उसने सभी बंदर को समझा दिया कि कोई पिंजरे में केले लेने ना घुसे वरना उसी में बंद हो जाएगा और शिकारी उसे पकड़ कर ले जाएंगे। उस दिन बस्ती के खरगोश मैदान में खेल रहे थे। तभी लकड़बग्घा आ गया था।

जब तक खरगोश भागते लकड़बग्घे ने एक खरगोश को पकड़कर मार दिया था। लकड़बग्घा जान गया था कि यह खरगोशों की बस्ती है इसलिए वह रोज ही आने लगा। लकड़बग्घे ने एक बिल में खरगोश को घुसते देखा था। वह अपने पंजों से उस बिल को खोदने लगा। यह लकड़बग्घा तो हमारी जान के पीछे ही पड़ गया है मीकू खरगोश बोला। अब तो कुछ करना ही पड़ेगा।

मीकू खरगोश कहते हुए बिल के बाहर आ गया। उसके दिमाग में लकड़बग्घे से छुटकारा पाने की युक्ति आ गई थी। अरे कहां जा रहे हो यह लकड़बग्घा तुम्हें मार डालेगा – किट्टू खरगोश बोला।व्ल कड़बग्घे नेलकड़बग्घे ने मीकू खरगोश को मैदान में देखा तो उस पर छलांग लगा दी। लेकिन उससे पहले मीकू ने छलांग लगा दी और एक और भागने लगा।

लकड़बग्घा उसके पीछे दौड़ पड़ा। मीकु तेजी से भागता और आगे जाकर रुक जाता। लकड़बग्घा उसे रुका देखकर उसे पकड़ने के लिए और तेज दौड़ने लगता। लकड़बग्घे के पास आते ही मीकू फिर भागने लगता। कई बार ऐसा लगा कि लकड़बग्घा मीकू को पकड़ लेगा। लेकिन वह बच कर निकल जाता।

भागते भागते मीकू खरगोश वहां पहुंच गया जहां शिकारियों ने बड़ा सा पिंजरा लगा रखा था। वह खुला हुआ था और अंदर फल रखे थे। मीकू खरगोश भागकर पिंजरे के पीछे इस प्रकार बैठ गया कि दूर से देखने पर ऐसा लग रहा था जैसे मीकू पिंजरे में बैठा हो। लकड़बग्घे ने मीकू को बैठे देखा तो पिंजरे के पास आकर मीकू को पकड़ने के लिए पिंजरे के अन्दर छलांग लगा दी।

लकड़बग्घे के पिंजरे में पहुंचते ही दरवाजा बंद हो गया और लकड़बग्घा पिंजरे में फंस गया। मीकू ने लकड़बग्घे को पिंजरे में कैद देखा तो खुश होकर बस्ती की ओर चल दिया। जब मीकू ने बताया कि उसने लकड़बग्घे को पिंजरे में कैद कर दिया है। तो सभी खरगोशो ने उसके साहस और बुद्धिमानी की प्रशंसा की।

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