तेजू गिद्ध और पक्षी | Teju Gidh Aur Pakshi, Hindi Kahani

Teju Gudh Aur Pakshi

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बरगद का एक विशाल पेड़ था। उस पर सैकड़ों पक्षी रहते थे। सभी पक्षियों का आपस में बहुत प्रेम था। अगर कोई पक्षी बीमार पड़ जाता तो सभी मिलकर उसकी सेवा करते। इसलिए किसी को भी कोई परेशानी नहीं होती। 1 दिन उस बरगद के पेड़ पर तेजू नाम का एक गिद्ध आया। वह शहर से आया था। जो कि काफी कमजोर लग रहा था।

उसने उस पेड़ पर रहने के लिए जगह मांगी। किसी को उसके रहने से क्या एतराज था इसलिए सभी पक्षियों ने उसे रहने के लिए जगह दे दी। धीरे-धीरे वह वहां रहकर हृष्ट पुष्ट और ताकतवर हो गया। जब उसने देखा कि उस पेड़ पर दूसरे छोटे पक्षी भी रहते हैं। तब उसने सोचा क्यों ना वह उन पक्षियों पर राज करे।

दूसरे दिन ही वहां उसने ऐसा ऐलान कर दिया कि अब सब लोग मेरे गुलाम है और सभी लोग मेरी बात मानेंगे। हम तुम्हारी बात नहीं मानेंगे – सोनी मैना बोली। यह सुनकर तेजू गिद्ध को बहुत गुस्सा आया। उसने उसके घोसले को तोड़ दिया। यह देखकर सभी पक्षी डर गए थे। तेजू गिद्ध अब रोज ही किसी ना किसी को सताने लगा।

वह रोज ही किसी ना किसी का घोंसला तोड़ देता। जिससे सभी पक्षी बहुत ही परेशान रहने लगे। कीवी कौवि ने पहली बार अंडे दिए थे और वह बहुत ही खुश थी। तभी ना जाने कहां से तेजू गिद्ध वहां आ गया। जब उसने कौवि को खुश देखा, तो उसने उसका कारण पूछा। कौवि ने अंडों के बारे में बताया। तेजू को गुस्सा आ गया और उसने अंडों को घोसले से नीचे फेंक दिया।

बेचारी कीवी कौवि अपनी बेबसी पर आंसू बहाती रह गई। यह देख सभी पक्षियों की आंखों में भी आंसू आ गए। एक दिन तेजू गिद्ध कहीं गया हुआ था। तब सभी पक्षों ने एक सभा की। अब हम सब यह जगह छोड़कर किसी दूसरी जगह चले जाएंगे – मिट्ठू तोता बोला। मैं इस जगह को छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगी, मैं इसको सबक सिखाऊंगी – कीवी कौवि बोली।

लेकिन हम लोग उसका क्या बिगाड़ लेंगे ? -बिट्टू बगुला बोला। हम लोग तेजू के ऊपर एक साथ हमला कर देंगे – शालिनी मैना बोली। नहीं मेरे पास एक उपाय है जिससे सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे – कीवी कौवि बोली। तब तो जल्दी बताओ – मीनू कठफोड़वा बोला।

आज मुझे लग रहा है कि तूफान आने वाला है। जिस पर तेजू रहता है, अगर हम उस टहनी को ही काट देंगे तो तूफान से उसे अच्छा सबक मिल सकता है। और यह काम तुम ही कर सकते हो। तुम डाल को धीरे धीरे काटना शुरू कर दो बस हमारा काम हो जाएगा- कीवी कौवि बोली। तो यह काम मैं अभी शुरु कर देता हूं – मीनू कठफोड़वा बोला। और उस टहनी को काटने लगा।

जब काफी टहनी कट गई तो कीवी कौवि ने उसे टहनी काटने से मना कर दिया। दूर से उन्हें तेजू गिद्ध आते हुए दिखा। सभी पक्षी अपने अपने घोंसलों में चले गए। तेजू गिद्ध भी अपने घोसले में चला गया। कुछ ही देर में तूफान आ गया जिससे सभी और अंधेरा छा गया। तभी उन्हें तेजू गिद्ध के चिल्लाने की आवाज सुनाई दी। जिससे सभी पक्षी बहुत ही खुश हुए।

सुबह जब तूफान रुका तब सभी पक्षी अपने घरों से बाहर निकले। उन्होंने देखा कि तेजू गिद्ध अपने घोंसले और डाल सहित नीचे गिरा पड़ा है। उसे काफी चोटें आई थी। वह दर्द से तड़प रहा था। हमें इसकी मदद करनी चाहिए – कीवी कौवी बोली। लेकिन इसने तो हमें बहुत सताया है और इसने तो तुम्हारे अंडे भी फोड़ दिए – शालिनी मैना बोली।

इसके बारे में बाद में सोचेंगे। लेकिन अभी हमें इसे बचाना चाहिए, वरना यह मर जाएगा – कीवी कौवी बोली। और उड़कर उसके पास चली गई। सभी ने मिलकर उसे उठाया और उसके घावों पर दवा लगाई। यह देखकर तेजू गिद्ध रोने लगा और वह सभी से माफी मांगने लगा। सभी ने उसे माफ कर दिया। वहां फिर से सभी लोग प्रेम से रहने लगे।

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