अक्टूबर में ग्रहण कब है ? October Me Grahan Kab Hai 2023
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अक्टूबर में ग्रहण कब है 2023: सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण की तिथियां
प्रारंभिक जानकारी
अक्टूबर 2023 एक महीना है जिसमें आकाश में कई महत्वपूर्ण ग्रहण की तिथियां हैं। ग्रहण एक प्राकृतिक अद्वितीय घटना होती है, जिसमें सूर्य और चंद्र के बीच एक विशेष संबंध बन जाता है। ये घटनाएँ आकाश में देखी जाती हैं और इनका अध्ययन खगोलज्ञों के लिए एक आकर्षण बना रहता है।
2023 में ग्रहण
2023 में ग्रहण की तिथियों में कुछ खास होता है। इस साल की शुरुआत में हमने देखा कि 20 अप्रैल को साल का पहला सूर्य ग्रहण हुआ था, जो कि एक पूर्ण सूर्य ग्रहण था। इसके बाद, 5-6 मई की रात को साल का पहला चंद्र ग्रहण देखा गया, जो कि एक पूर्ण चंद्र ग्रहण नहीं था, बल्कि पेनब्रल लूनर इक्लिप्स था। अब, अक्टूबर में दूसरा सूर्य ग्रहण और दूसरा चंद्र ग्रहण होने वाला है, जो केवल 15 दिन के अंतर से होंगे।
अक्टूबर में सूर्य ग्रहण
अक्टूबर के 14 तारीख को Annular Solar Eclipse (तरंग बिंदु सूर्य ग्रहण) होने वाला है। इस सूर्य ग्रहण को “रिंग ऑफ फायर” भी कहा जाता है क्योंकि यह तब होता है जब चंद्रमा धरती और सूर्य के बीच आता है। चंद्रमा धरती से सामान्य दूरी पर होता है, इसका अर्थ है कि चंद्रमा सूर्य के सामने एक सिंघ की तरह दिखाई देता है, जिससे सूर्य के चारों ओर एक तेजी से चमकदार रिंग बनता है।
अक्टूबर में चंद्र ग्रहण कब है 2023 ?
अक्टूबर के 28 से 29 तारीख की रात को एक आंशिक चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। इस मामले में, धरती सूर्य और चंद्रमा के बीच आती है, जिसमें तीनों ग्रह एक सीधी रेखा में स्थित होते हैं, जिससे चंद्र ग्रहण दिखाई देता है।
क्या ये ग्रहण भारत में दिखेगा या नहीं?
साल के दूसरे सूर्य ग्रहण को अमेरिका और उसके आस-पास के कुछ हिस्सों से देखा जा सकेगा। यह सूर्य ग्रहण पश्चिमी अफ्रीका, उत्तर अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, पैसिफिक, अटलांटिक और आर्कटिक क्षेत्रों से देखा जा सकेगा।
वर्तमान में चल रहे चंद्र ग्रहण को भारत से देखा जा सकता है, साथ ही यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तर अमेरिका के अधिकांश हिस्सों, दक्षिण अमेरिका के अधिकांश हिस्सों, पैसिफिक, अटलांटिक, इंडियन ओशन, आर्कटिक और एंटार्कटिक से देखा जा सकेगा। यह चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर को 1:06 बजे से शुरू होगा और 2:22 बजे पर समाप्त होगा।
धार्मिक दृष्टिकोण पर प्रभाव
ग्रहण का धार्मिक महत्व भी होता है। उन क्षेत्रों में जहां पर ग्रहण दिखाई देता है, वहां “सूतक काल” का पालन किया जाता है, जिसका अर्थ होता है कि उस समय कई गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाता है। सूर्य ग्रहण भारत से दिखाई नहीं देगा, इसलिए उसके साथ जुड़ा “सूतक” भी लागू नहीं होगा। दूसरी ओर, क्योंकि चंद्र ग्रहण भारत से देखा जा सकता है, उसके साथ जुड़ा “सूतक” भी लागू होगा। इस सूतक काल का आरंभ ग्रहण के 9 घंटे पहले होगा।
आशा करते हैं आप जान पाए होंगे कि अक्टूबर में ग्रहण कब है। जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे परिजनों के साथ भी शेयर करें।
(कृपया ध्यान दें: यहां दी गई जानकारी सामान्य धारणाओं और ज्ञान पर आधारित है। Bloomgik इस जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)
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