Bas Ek Minute | बस 1 मिनट, Bacchon Ki Kahani
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अलोक जैसे ही स्कूल से घर आया, उसने बैग उतारकर पास रखे सोफे पर फेंक दिया। उसने तुरंत टीवी का रिमोट लिया और टीवी देखने लगा। इतने में ही उसकी मम्मी अंदर आई और उन्होंने अलोक को हिदायत दी, कि पहले फ्रेश हो जाओ फिर कुछ खा लो. यह सब बाद में देखना। पर अलोक पर कोई असर नहीं हुआ. मम्मी ने दोबारा कहा तो अलोक की तरफ से एक ही जवाब आया। बस 1 मिनट मम्मी। अलोक के लिए यह कोई नई कहानी नहीं थी. उसका रोज यही काम था. उससे कोई भी किसी काम के लिए कहता तो जवाब में बस यही बोलता: बस 1 मिनट। यह बोलकर वह अपने काम में लग जाता।
उसकी इस बस 1 मिनट की बीमारी से ना केवल उसके परिवार के अपितु उसके दोस्त, उसके टीचर भी दुखी थे। घर में सिर्फ अलोक की दादी थी जिनके पास काफी समय था. वह भी अलोक की इन हरकतों से अनभिज्ञ नहीं थी. अतः दादी को डर था कि इस तरह से तो यह लड़का ना तो कुछ सीख पाएगा और ना ही ठीक से पढ़ सकेगा। बल्कि दिनभर खेलने और टीवी देखने से तो यह बुरी संगत में पड़ जाएगा। अतः दादी ने ठान लिया कि कुछ हो ना हो पर वह अलोक को सुधारने की पूरी कोशिश करेगी।
उसी शाम दादी ने घर के सभी सदस्यों को एक तरकीब बताई जिससे अलोक सुधर सकता था. अगले दिन अलोक को किसी ने नहीं जगाया। जब वह जागा, उसने घड़ी को देखा। आज वह बहुत देरी से उठा था। वह जल्दी-जल्दी स्कूल के लिए तैयार होने लगा. तभी उसकी स्कूल बस भी आ गई. अलोक बोला मम्मी जल्दी-जल्दी टिफन दो बस आ गई है. मम्मी ने कहा बस 1 मिनट। यह सुनकर आलोक थोड़ा सा हैरान हुआ, पर बस के होरन ने उसे रुकने नहीं दिया और उसे बिना टिफिन के ही स्कूल जाना पड़ा।
स्कूल में जब शिक्षक ने होमवर्क देखा। तो आलोक का अधूरा होमवर्क देखकर शिक्षक ने आलोक को डांटा। कुछ समय बाद लंच ब्रेक हुआ पर वह तो लंच भी नहीं लाया था। जैसे तैसे स्कूल से छुट्टी के बाद अलोक घर पहुंचा उसका भूख से बुरा हाल था. आज तो उसने बैग रखा और खेलने के लिए जाने की बजाय खाना मांगा। मम्मी ने खाना दे दिया। शाम को टीवी देखते हुए पापा से जब अलोक ने रिमोट मांगा। तो पापा ने कहा बस 1 मिनट। आलोक सिर हैरान हुआ और जाकर सो गया। अब अलोक अगर किसी से कुछ कहता तो उसे बस एक ही जवाब मिलता : बस 1 मिनट।
जैसे तैसे करके शनिवार आया और रात को पापा ने बताया कि संडे को हम सब पिकनिक पर चलेंगे। अलोक की खुशी का ठिकाना नहीं था। वह जल्दी से जाकर सो गया। अगली सुबह जब पिकनिक गए, अलोक के कहने से पापा डिजनी पार्क भी गए. जहां जाकर अलोक ने स्विमिंग के लिए कहा. पापा ने हां कर दी. जैसे जैसे वह पानी में जाता पानी गहरा होता जाता। उसने तभी पापा को आवाज दी पापा पापा पानी गहरा है। मुझे निकालिए। पापा बोले बस 1 मिनट। पानी अलोक के नाक तक आ गया था. वह चिल्लाया पापा बचाओ। पापा बोले बस 1 मिनट। इतने में आलोक पूरी तरह से पानी में डूब गया और.
और इतने में एक झटके से वह सोता हुआ जाग गया. उसने देखा परिवार के सभी सदस्य वहां खड़े हुए हैं. दादी ने उसके सिर पर हाथ फेरा और पूछा। अलोक तुम बचाओ बचाओ क्यों चिल्ला रहे थे ? इतना सुनते ही अलोक की आंखों में आंसू आ गए और बोला दादी मुझे माफ कर दो. मैंने काम टालने के चक्कर में सभी को बहुत परेशान किया है। अब मैं किसी से भी 1 मिनट के लिए नहीं कहूंगा। क्योंकि बहुत से काम जरूरी होते हैं, जो कभी नहीं टालने चाहिए।
दादी मुस्कुरा कर बोली जो बच्चे काम को टालते हैं और नहीं करते। वे आगे चलकर आलसी और कामचोर हो जाते हैं. इसलिए उन्हें कोई प्यार नहीं करता तथा सभी उन्हें घृणा की नजरों से देखते हैं. दादी की सभी बातें लोग को समझ में आ गई सभी खुशी-खुशी पिकनिक के लिए रवाना हुए.
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