भगवान विष्णु को कौन सा फूल प्रिय है?
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भगवान विष्णु को कौन सा फूल प्रिय है?
हिंदू धर्म में भगवान विष्णु को तीनों लोकों का स्वामी माना जाता है। वे भगवान शिव के छोटे भाई और माता लक्ष्मी के पति हैं। भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा में फूलों का विशेष महत्व है। मान्यता है कि भगवान विष्णु को सुगंधित और पीले रंग के फूल अधिक प्रिय हैं।
भगवान विष्णु की पूजा में चढ़ाने के लिए कुछ फूलों को विशेष रूप से प्रिय माना जाता है, जिनमें शामिल हैं:
कमल:
कमल का फूल भगवान विष्णु को सबसे अधिक प्रिय है। यह फूल उनकी पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक है।
चंपा:
चंपा का फूल भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों को प्रिय है। यह फूल उनकी सुंदरता और प्रेम का प्रतीक है।
गुलाब:
गुलाब का फूल भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों को प्रिय है। यह फूल उनकी प्रेम और सौम्यता का प्रतीक है।
मोगरा:
मोगरा का फूल भगवान विष्णु को प्रिय है। यह फूल उनकी सुगंध और मोहकता का प्रतीक है।
कनेर:
कनेर का फूल भगवान विष्णु को प्रिय है। यह फूल उनकी पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक है।
गेंदे:
गेंदे का फूल भगवान विष्णु को प्रिय है। यह फूल उनकी पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक है।
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इनके अलावा, भगवान विष्णु की पूजा में चढ़ाने के लिए अन्य फूलों का भी उपयोग किया जा सकता है, जिनमें शामिल हैं:
मालती:
मालती का फूल भगवान विष्णु को प्रिय है। यह फूल उनकी सुगंध और सौम्यता का प्रतीक है।
केवड़ा:
केवड़ा का फूल भगवान विष्णु को प्रिय है। यह फूल उनकी सुगंध और मोहकता का प्रतीक है।
जाती:
जाती का फूल भगवान विष्णु को प्रिय है। यह फूल उनकी पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक है।
पुन्नाग:
पुन्नाग का फूल भगवान विष्णु को प्रिय है। यह फूल उनकी सुगंध और मोहकता का प्रतीक है।
कुंद:
कुंद का फूल भगवान विष्णु को प्रिय है। यह फूल उनकी सुंदरता और प्रेम का प्रतीक है।
तगर:
तगर का फूल भगवान विष्णु को प्रिय है। यह फूल उनकी पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक है।
अशोक:
अशोक का फूल भगवान विष्णु को प्रिय है। यह फूल उनकी पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक है।
हालांकि, कुछ फूल ऐसे भी हैं जिन्हें भगवान विष्णु की पूजा में कभी भी नहीं चढ़ाना चाहिए। इन फूलों में शामिल हैं:
- अगस्त्य: अगस्त्य का फूल भगवान विष्णु की पूजा में निषेध है। यह फूल उनकी पवित्रता और शुद्धता के विपरीत है।
- माधवी: माधवी का फूल भगवान विष्णु की पूजा में निषेध है। यह फूल उनकी पवित्रता और शुद्धता के विपरीत है।
- लोध: लोध का फूल भगवान विष्णु की पूजा में निषेध है। यह फूल उनकी पवित्रता और शुद्धता के विपरीत है।
इन फूलों को भगवान विष्णु की पूजा में चढ़ाने से उन्हें प्रसन्न करने के बजाय नाराज किया जा सकता है। इसलिए, इन फूलों को भगवान विष्णु की पूजा में कभी भी नहीं चढ़ाना चाहिए।
भगवान विष्णु की पूजा में फूल चढ़ाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- फूल ताजे और सुंदर होने चाहिए।
- फूलों को अच्छी तरह से साफ कर लेना चाहिए।
- फूलों को पूजा स्थल पर साफ-सुथरे स्थान पर रखना चाहिए